Safar Ki Dua in Hindi – आज हम सफर की दुआ को तर्जुमे के साथ हिंदी मे जानेगे साथ ही सफर की दुआ पढ़ कर सफर में जाने के फायदे भी बताएंगे | हर मोमिन मुस्लमान आज सफर में जाता है और सफर में निकलना हमे आफतों में भी डाल सकता है इसलिए ये हमारे लिए जरुरी हो जाता है की हम अल्लाह की पन्हा के साथ सफार में निकले | इसके लिए इस्लाम में तरीके और दुआएँ बताई है जिन्हे हमे सफर में जाने से पहले पढ़ कर निकला चाहिए जिससे की अल्लाह की रज़ा हम पर बनी रहे |
Safar Ki Dua हर मोमिन को बुरे हादसे और आफत से बचाती है हम आपको दुआ के साथ ये भी बताना चाहते ही की सफर में निकले से पहले 2 रकअत सुन्नत नमाज़ पढ़ कर निकले क्युकी हमारे पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है
“जब तुम घरों से सफर के लिए निकालो तो 2 रकत सुन्नत नमाज़ पढ़ कर निकालो ये तुम्हे शैतान, हर बुरी चीज़ और हालात से बचाएगा और जब तुम दुबारा अपने घर लौटो तो 2 सुन्नत पढ़ो ये तुम्हे शैतान से बचाएगा”
अल्लाह तआला क़ुरान बताते है की सफर में निकलना मोमिन के ईमान को मजबूत और ताकतवर बनाता | अल्लाह तआला क़ुरान में फरमाते है:
قُلْ سِيرُوا۟ فِى ٱلْأَرْضِ فَٱنظُرُوا۟ كَيْفَ بَدَأَ ٱلْخَلْقَ ۚ ثُمَّ ٱللَّهُ يُنشِئُ ٱلنَّشْأَةَ ٱلْـَٔاخِرَةَ ۚ إِنَّ ٱللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ قَدِيرٌ
मुहम्मद कहो इनसे: “जमीन में घूम फिर के देखो की उसने मख्लूक़ की इब्तदा कैसे की, फिर अल्लाह इसे एक बार फिर वजूद में लाएगा बेशक अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है”
सफर में निकलने से पहले हम सफर का इरादा करते है अगर इरादा कर ले तो यह दुआ पढ़े |
सफर के इरादे की दुआ:
اللَّهُمَّ بَكَ أَصُولُ وَبِكَ أَجُولُ وَبِكَ أَسِيرُ
अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरु०
तर्जुमा – अल्लाह मैं तेरी मदद से ही हमला करता हूं, तेरी ही मदद से उनको दूर करने की तद्-बीर करता हूं तथा तेरी ही मदद से चलता हूं।
अब हम आपको नीचे Safar Ki Dua बता रहे है इसको पढ़ कर सफर में निकलते हो तो इंशाल्लाह अल्लाह तआला आपके इस सफर आसान और हर मुसीबत से बचा कर रखेगा।
सफ़र की दुआ हिंदी में | Safar Ki Dua in Hindi
सफर की दुआ हिंदी, अरबी और इंग्लिश में तर्जुमे के साथ नीचे दी गयी है पढ़ने से पहले “बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम” जरूर पढ़ ले
सफर की दुआ हिंदी में – Safar Ki Dua in Hindi
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून.
“अल्लाह के नाम से और तमाम तारीफे अल्लाह ही के लिए है – वो कैसा कामिल है जिसने इस (ट्रांसपोर्ट) को हमारी खिदमत में लगा रखा है और जो हम खुद इस पर कदीर न होते और हमारे रब की तरफ हमारा आखिरी मुकदर है”
सफर की दुआ अरबी में – Safar Ki Dua in Arabic
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
اللہ کے نام سے اور تمام تعریفیں اللہ کے لیے ہیں۔ وہ کیسا کامل ہے جس نے اس (ٹرانسپورٹ) کو ہماری خدمت میں لگا رکھا ہے اور ہم خود اس پر قادر نہ ہوتے اور ہمارے رب کی طرف ہمارا آخری مقدر ہے۔
सफर की दुआ इंग्लिश में – Safar Ki Dua in English
Subhanallazi Sakhraalana Haza Wamakunna Lahu Mukrineen Wa Inna illa Rabbina Lamun Kaliboon.
In the name of Allah and all praise is for Allah. How perfect He is, the One Who has placed this (transport) at our service and we ourselves would not have been capable of that, and to our Lord is our final destiny.
सफर में निकले से पहले सफर की दुआ क्यों पढ़नी चाहिए?
Safar Ki Dua – जब हम सफर के लिए घर से निकलते है तो हम बहुत सी आफतों के घेरे में आ जाते है और इन आफतों से बचने के लिए हमे हमारे नबी की बातों को मानते हुए चलना चाहिए | ये बिलकुल सही है की नमाज़, जकात, और भी चीज़े हमे हर बुरी आफत और शैतान से बचाकर रखती है बेशक ये सब चीज़े हमे हर चीज़ से बचा कर रखती है जो हमारे लिए बेकार है | लेकिन हमे सफार में निकले से पहले दुआ जरूर पढ़ लेने चाहिए |
सफर के लिए घर से निकलने की दुआ
بِسْمِ اللَّهِ، تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ، لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ
बिस्मिल्लाह, तवक्कल्तु अलल्लाह, ला हौला वला कुव्वत इल्ला बिल्लाह।
Safar Ki Dua in Hindi तर्जुमा – अल्लाह के नाम के साथ घर से निकलता हूँ और अल्लाह ही पर मैंने भरोसा किया गुनाहो से बचाने और नेकी करने की ताक़त सिर्फ अल्लाह ही की तरफ से है।
सफर के दौरान की दुआ – Safar Ki Dua
Safar Ki Dua – सफर के लिए 2 सुन्नत नमाज़ पढ़ने के बाद आप सफर के दौरान की यह दुआ पढ़े:
اللَّهُمَّ إنَّا نَسْأَلُكَ في سَفَرِنَا هذا البِرَّ وَالتَّقْوَى، وَمِنَ العَمَلِ ما تَرْضَى، اللَّهُمَّ هَوِّنْ عَلَيْنَا سَفَرَنَا هذا، وَاطْوِ عَنَّا بُعْدَهُ، اللَّهُمَّ أَنْتَ الصَّاحِبُ في السَّفَرِ، وَالْخَلِيفَةُ في الأهْلِ، اللَّهُمَّ إنِّي أَعُوذُ بكَ مِن وَعْثَاءِ السَّفَرِ، وَكَآبَةِ المَنْظَرِ، وَسُوءِ المُنْقَلَبِ في المَالِ وَالأهْلِ
“अल्लाहुम्मा इन्ना नसअलुक फी सफरिना हाज़ा अलबिर्र वत्तक़वा, वमिनल-आमलि मा तर्दा, अल्लाहुम्मा हव्विन आलैना सफरना हाज़ा, वआतवि अन्ना बुअदहु, अल्लाहुम्मा अंतस-साहिबु फिस-सफरि, वलखालीफतु फिल-आहलि, अल्लाहुम्मा इन्नी आउजु बिका मिन वॉअसा-इस-सफर, वकाबातिल-मन्सर, वसूइल-मुन्कलिबि फिल-मालि वल-आहलि।”
Safar Me Jane Ki Dua तर्जुमा – अल्लाह हम तुझसे इस सफर में नेकी और तकवा की मांग करते हैं, और उन कामों से जो तुझे पसंद है। अल्लाह हमारे लिए इस सफर को आसान कर दे, और उसकी दूरी को हमारे लिए छोटा बना दे। अल्लाह! तू सफर में हमारा साथी है और घरवालों का खलीफा है । अल्लाह मैं तुझसे पनाह मांगता हूँ सफर की थकान से, मंज़र की परेशानी से, और माल और घर वालों में बुरे मंज़रहाली से।”
अपनी मंज़िल पर पहुंचने पर दुआ
اللّـهُمَّ رَبَّ السَّـمَوَاتِ السّـبْعِ وَمَا أَظْلَلْنَ، وَرَبَّ الأَرَاضِيـنَ السّـبْعِ وَما أقْلَلْنَ، وَرَبَّ الشَّيَـاطِينِ وَمَا أَضْلَلْنَ، وَرَبَّ الرِّياحِ وَمَا ذَرَيْـنَ، أَسْـأَلُـكَ خَيْـرَ هذهِ الْقَـرْيَةِ وَخَيْـرَ أَهْلِـهَا، وَخَيْـرَ مَا فِيْهَا، وَأَعُـوذُ بِكَ مِنْ شَـرِّها وَشَـرِّ أَهْلِـها، وَشَـرِّ مَا فِيْهَا
अल्लाहुम्मा रब्बास समावतीस सब’ई वा मा अज़लल्ना, वा रब्बल अरदीनास सब’ई वा मा अक़लल्ना, वा रब्बाश-शयातिनी वा मा अदलल्ना, वा रब्बर रियाही वा मा ज़रैना, असलुका खैरा हदज़िहिल क़रायह वा खैरा अहलिहा, वा खैरा मा फिहा, वा औज़ुबिका मिन शारिहा वा शारि अहलिहा, वा शारि मा फ़िहा।
तर्जुमा – “अल्लाह की कसम, हम तुझसे सात आसमानों और उनकी छायाओं के मालिक, सात ज़मीनों और उनके छोटे टुकड़ों के मालिक, शैतानों और उनकी गुमराह करने वाली बातों के मालिक, हवाओं और उनके बेहकाने और उड़ाने के मालिक, मैं तुझसे इस कस्बे और उसके लोगों की नेकी की मांग करता हूँ, और उनके अंदर मौजूद नेकियों की मांग करता हूँ, और मैं तुझसे उनके बुराईयों और उनके लोगों की बुराईयों से तुझसी पनाह मांगता हूँ, और उनके अंदर मौजूद बुराईयों से तुझसी पनाह मांगता हूँ।”
सफर से वापसी की दुआ
Safar Se Wapsi Ki Dua – जब आप सफर से वापस लौट आये और इस दौरान अल्लाह ने आपकी हिफाज़त की तो आप अल्लाह की इस मेहबानी के लिए उसका शुक्रगुज़ारी और तारीफ में दुआ पढ़े:
اٰ ئِبُوْنَ تَآئِبُوْنَ عَابِدُوْنَ سَاجِدُوْنَ لِرَبِّنَاحَامِدُوْنَ
आअिबूना ताअिबूना आ़बिदूना साजिदूना लि रब्बिना हामिदून
तर्जुमा – “हम सफर से आने वाले है, तौबा करने वाले है, इबादत करने वाले है, सजदा करने वाले है और अपने खुदा की हम्द करने वाले है”
आखरी अल्फ़ाज़ – सफर की दुआ
इस मजमून में हमने आपको “Safar Ki Dua” Hindi, English और Arabic में बताया साथ ही दुआ का तर्जुमा भी बताया | हमे उम्मीद है आपको हमारा ये मजमून जरूर मदद किया होगा | आप से दरख्वास्त है की जिस तरह आपने सफर की दुआ जाने और पढ़ी उसी तरह अपने मुस्लिम भाइयों और बहनो को भी बताये इस मजमून को शेयर करे|
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FAQs – Safar Ki Dua (सफर की दुआ) In Hindi, English और Arabic से जुड़े सवाल – जवाब
सवाल – सफर की दुआ कौन सी है?
जवाब – सफर की दुआ है – “सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून“
तर्जुमा – पाक व बुलन्द है वह खुदा जिसने इसको हमारे बस में कर दिया हालांकि हम इसको काबू में करने वाले न थे यकिनन हम अपने परवरदिगार की तरफ लौट जानें वाले हैं।
सवाल – सफ़र क्या है और सफर कितनी दुरी को कहते है इस्लाम में?
जवाब – सफर हम जब एक जगह से दूसरी जगह को जाते है सवार होके जाते है उसे सफर कहते है जिसमे एक कस्बे से दूसरे कस्बे में जाना होता है
इस्लाम में सफ़र की दुरी कितनी होती है इसमें उलमा कहते है की 90 किलोमीटर की दुरी को सफ़र माना जाता है।
सवाल – सफर की दुआ कब पढ़ी जाए?
जवाब – सफर की दुआ सवारी पर सवार होते वक्त पढ़ी जाए |
सवाल – अकेले सफर करना चाहिए या सफर साथी के साथ होना चाहिए?
जवाब – इस्लाम में अकेले सफर करने को मना किया गया है जहा तक की मज़बूरी न हो | सफर जाने वालों के साथ ही किया जाए और जो सबसे इल्म और मालूमात वाला हो उससे सफर का अमीर बना दिया जाये
सवाल – क्या सफर करने वाले की दुआ जल्दी कबूल होती है?
जवाब – जी हां, अगर दीन के तौर-तरीके से सफर की जाए तो सफर करने वाले की दुआ जल्दी कबूल होती है
सवाल – सफर कितने लोगों के साथ किया जाना चाहिए?
जवाब – हदीस के मुताबिक कम से कम 4 लोगों का एक साथ सफर करना सही माना गया है.
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