Buri Nazar Se Bachne Ki Dua – बुरी नंजर से बचने और उसे उतरने के लिए दुआ हम आपको इस आर्टिकल में बताएँगे, आज हम आपको इस्लामिक तरीका बताएँगे जिसकी मदद से आप अपने आपको और अपने परिवार को बुरी नंजर, कालू जादू, जीन से बचा पाएंगे |
हर खूबसूरत चीज़ को नज़र लगाना मुनासिब है अगर उसमे अल्लाह की तारीफ बया न हो | बुरी नज़र के कई बुरी असरात होते है जो नज़र लगे इंसान को बीमार और कमजोर कर देती है | इसलिए हर मुस्लमान मोमिन को नज़र और जिन्न के बुरी असरात के बारे पता होना और उससे कैसे निजात पाते है पता होना बहुत जरुरी है | नीचे हमने Nazar Ki Dua और बचने का तरीका बताया है
बुरी नजर से बचने की दुआ – Buri Nazar Se Bachne Ki Dua
Buri Nazar Se Bachne Ki Dua – नज़र का लगना नयी बात नहीं है वो चाहे किसी की बुरी और हसद भरी निगाह से लगी हो या शैतान से | अगर आप भी शैतान या किसी की बुरी नज़र से परेशान है तो हम आपको बुरी नज़र से बचने की दुआ बता रहे है इंशाल्लाह अल्लाह ताला इस दुआ की मदद से आपकी बुरी नज़र से निजात दिलाएंगी |
ये दुआ आपको रोजाना सुबह शाम पढ़े इंशाल्लाह अल्लाह ताला आपको जल्दी ही Buri Nazar शिफा अत फरमाएंगे | दुआ निचे दी गयी है Nazar Se Bachne Ki Dua अरबी, हिंदी और इंग्लिश में
BURI NAZAR SE BACHNE KI DUA (in Arabic)
Nazar Se Bachne Ki Dua – आपको जादू, हसद या किसी के इरादे से बुरी नज़र लगी है और आपको कोई नुकसान पोहचना चाहता है तो ये दुआ रोज पढ़े –
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّةِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لامَّةٍ
BURI NAZAR SE BACHNE KI DUA (In Hindi)
बुरी नज़र से बचने की दुआ हिंदी में नीचे दी हुयी है –
अ-ऊज़ू बिकलिमा तिल्लाहित ताम्मति मिनकुल्लि शैतानिन व हाममतिन व मिनकुल्लि ऐनिन लाममतिन
बुरी नज़र से बचने की दुआ इन इंग्लिश – Nazar Ki Dua in English
“A’oodhu Bikalimatillahi-Tammatti Min Kulli Shaytaanin Wa Hammatin Wamin Kulli ‘Aynin Lammatin.”
Nazar ki Dua in Meaning – बुरी नज़र की दुआ का तर्जुमा
Nazar Utarne Ki Dua in Quran – हर मोमिन मुसलमान को अल्लाह की किताब “क़ुरान” की हर आयत का तर्जुमा पता होना चाहिए इसी तरह Nazar Se Bachne Ki Dua दुआ का तर्जुमा इस तरह है –
मैं पनाह मांगता हु अल्लाह की पुरे पुरे कलिमात के जरिए, हर शैतान से और हर ज़हरीले जानवर से और हर नुकसान पहुँचाने वाली नज़र-ए-बद्द से।
नजर उतारने का तरीका (Nazar Utarne Ka Tarika)
Nazar Se Bachne Ki Dua – नज़र का लग जाने पर नाज़राया इंसान बहुत परेशानी और तकलीफ का सामना करता है वो हर मर्ज के लिए दुनिया दवा लेता है पर उस पर कोई दवा काम नहीं करती | नज़र का लगना नयी बात नहीं है क़ुरान में हर चीज़ का इलाज है आज हमने आपको ऊपर नज़र की दुआ बताई है उसी रोज पढ़े अल्लाह आपको हर बुरी और हसद की नज़र से हिफाज़त फरमाएंगे |
जिन भाई और बहेनो को नज़र लग चुकी है वो ऊपर दी हुई दुआ को सुबह शाम पढ़े साथ ही हम आपको बुरी नज़र से बचने और उसे उतारने का इस्लामिक तरीका बताने जा रहे है चाहे वो नज़र शैतान मरदूद की हो या किसी भी हसद की इस तरीका से आप अपनी परेशानी को खत्म कर पाएंगे |
शैतान, जादू, हसद और बुरी नज़र को उतारने का तरीका
Buri Nazar Se Bachne के लिए इस्लाम में मुख्तलिफ अमल और दुआएं मौजूद है | नीचे हम आपको नज़र उतारने का इस्लामिक अमल बता रहे जिसे आपको सुबह फ़र्ज़ के बाद और शाम को असर के बाद पढ़ना है इस अमल से आप अपने आपको बुरी नज़र के असरात से मेहफ़ूज़ रख सकते है:
१.सूरह फातिहा
Buri Nazar Se Bachne dua – बुरी नज़र से बचने और उतरने के लिए सबसे पहले सूरह फातिहा पढ़े | सूरह फातिहा क़ुरान की पहली सूरह है और सबसे अहम सूरह में से एक है | इस सूरह में अल्लाह की हम्द, रेहमत और क़ुदरत का ज़िक्र है | ये सूरह इंसान को अल्लाह की इबादत करने और ज़िक्र की दुआ मांगने के लिए तवज्जो देती है | इस अमल में सबसे पहले इस सूरह को पढ़े जो इस तरह है:
सूरह फातिहा अरबी में –
ٱلرَّحِيمِ ١ ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ ٢ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ ٣ مَـٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ ٤ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ٥ ٱهْدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ ٦ صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ ٧
सूरह फातिहा हिंदी में –
आल्हामदुलीलही रब्बिल आलमीन अर रहमा निर रहीम मलिकि यौमिद्दीन इययाक न अबुदु व इय्याका नस्तईन इहदिनस सिरआतल मुस्तकीम सिरताल लजीना अन अमता अलय हिम गैरिल मॅगडूबी अलय हिम व लद दालीन। (आमीन)
२. तीन कुल – सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फ़लाक़ और सूरह अन-नास
Nazar Se Bachne Ki Dua: सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आपको तीन कुल सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फ़लाक़ और सूरह अन-नास पढ़नी है यह सुराहें नबी करीब मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ﷺ की सुन्नत है, और इनका असर रूहानी और जिस्मानी बिमारियों, बुरी नज़र, और बुरे असरात से बचने में मदद करते है ये तीन सुराहें है:
सूरह अल-इखलास Surah Al-Ikhlas (سورة الإخلاص): इस सूरह में अल्लाह की अहद और तौहीद का इज़हार किया गया है सूरह इस तरह है:
सूरह अल-इखलास अरबी में –
قُلْ هُوَ اللَّهُ أَحَدٌ اللَّهُ الصَّمَدُ لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ وَلَمْ يَكُن لَّهُ كُفُوًا أَحَدٌ
सूरह अल-इखलास हिंदी में –
कुल हुवल्लाहु अहद अल्लाहुस समद लम यलिद वलम यूलद वलम यकुन लहु कुफूवान अहद
सूरह अल-फ़लाक़ Surah Al-Falaq (سورة الفلق): इस सूरह में अल्लाह से शैतानी वसवसाय, बुरे खवाबों, और बुरे असरातों से पनाह की दुआ की गयी है जो इस तरह है:
सूरह अल-फ़लाक़ अरबी में –
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ وَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ
सूरह अल-फ़लाक़ हिंदी में –
कुल अउजुबि रब्बिल-फालक मिन शर्रि मा खलक व मिन शर्रि गासिकिन इजा वकब व मिन शर्रि अन-नफ़्फासाति फील-उकद व मिन शर्रि हासिदिन इजा हसद
सूरह अन-नास Surah An-Naas (سورة الناس): इस सूरह में अल्लाह से शैतान, जिन्न और उनके असरात से पनाह मांगी गयी है जो इस तरह है:
सूरह अन-नास अरबी में –
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ مَلِكِ النَّاسِ إِلَٰهِ النَّاسِ مِن شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ
सूरह अन-नास हिंदी में –
कुल अउजुबि रब्बिन नास मालिकिन नास इलाहिन नास मिन शर्रि अलवस्वासि अलखन्नास अल्लजी युवास्विसु फी सुदूरिन नास मिन अलजिन्नाति व अन-नास
३. आयतुल कुर्सी की तिलावत
Nazar Se Bachne Ki Dua: तीनो कुल को पढ़ने की बाद आप आयतुल कुर्सी पढ़े Ayat al-Kursi (Surah Al-Baqarah, 2:255) को बेक़ैदगि और दिल से तिलावत करें | इस आयत में अल्लाह की क़ुदरत, इल्म, और हुकूमत का ज़िक्र है | आयतुल कुर्सी पढ़ कर अपने आप को अल्लाह की हिफाज़त में मेहफ़ूज़ समझें | आयत इस तरह है:
आयतुल कुर्सी अरबी में –
اللَّهُ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ ۚ لَا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلَا نَوْمٌ ۚ لَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ مَن ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِندَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ وَلَا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ ۗ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ ۖ وَلَا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
आयतुल कुर्सी हिंदी में –
अल्लाहु लाइलाहा इल्ला हुव। अल हय्यु अल कय्यूम। ला ताखुजुहु सिनतुं व न नव्म। लहु मा फिस्समावाति व मा फिल अर्द। मन ज़ल्ली यश्फ़ाऊ इन्दहु इल्ला बीइज्निहि। यालमु मा बयना आईदीहिम व मा खाल्फः। व ला युहीतून बि श़यिम मीन इल्मिहि इल्ला बिमाशाः। व सिआ कुर्सीय्युहु स्समावाति वाति ल अर्दा। व ला यूदुहु हिफ्जुहुमा। व हुवल अलीय्युल अज्जीम।
4. सूरह बकरारा (Surah Al-Baqarah) की आखिरी दो आयातें
Nazar Ki Dua – आयतुल कुर्सी पढ़ने के बाद सूरह अल-बक़रा की आखिरी दो आयते पढ़े जो इस तरह है:
अरबी में –
آمَنَ ٱلرَّسُولُ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيۡهِ مِن رَّبِّهِۦ وَٱلۡمُؤۡمِنُونَۚ كُلٌّ ءَامَنَ بِٱللَّهِ وَمَلَـٰٓئِكَتِهِۦ وَكُتُبِهِۦ وَرُسُلِهِۦ لَا نُفَرِّقُ بَيۡنَ أَحَدٖ مِّن رُّسُلِهِۦۚ وَقَالُواْ سَمِعۡنَا وَأَطَعۡنَاۖ غُفۡرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيۡكَ ٱلۡمَصِيرُ
لَا يُكَلِّفُ اللَّهُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا ۚ لَهَا مَا كَسَبَتْ وَعَلَيْهَا مَا اكْتَسَبَتْ ۗ رَبَّنَا لَا تُؤَاخِذْنَا إِن نَّسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تَحْمِلْ عَلَيْنَا إِصْرًا كَمَا حَمَلْتَهُ عَلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تُحَمِّلْنَا مَا لَا طَاقَةَ لَنَا بِهِ ۖ وَاعْفُ عَنَّا وَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا ۚ أَنتَ مَوْلَانَا فَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ
हिंदी में –
आमनर-रसूलु बिमा उनजिला इलैहि मिर-रब्बिही वल-मुअ्मिनून, कुल्लुन आमना बिल्लाहि व मलाइकतिही व कुतुबिही व रुसुलिही ला नुफर्रिकु बैना अहदिम-मिर-रुसुलिह, व कालू समिअ्ना व अताअ्ना गुफरानका रब्बना व इलैकल-मसीर।
ला युकल्लिफुल्लाहु नफ्सन इल्ला वुस्अहा, लहा मा कसबत व अलैहा मक-तसबत, रब्बना ला तुआखिजना इन-नसीना औ अख-तअ्ना, रब्बना वला तहमिल अलैना इसरन कमा हमल-तहु अलल-लजिना मिन कबलिना, रब्बना वला तुहम्मिलना मा ला ताकता लना बिह, वअ्फु अन्ना, वग-फिरलना, वर-हमना, अन्ता मौलाना फन-सुरना अलल कौमिल काफिरीन।
5. दरूद शरीफ
सबसे आखिर में दरूद शरीफ पढ़े और अपने पुरे शरीर पर दम कर ले | दुरुद शरीफ इस तरह है:
दरूद शरीफ अरबी में –
اللّهُـمَّ صَلِّ عَلـى مُحمَّـد، وَعَلـى آلِ مُحمَّد، كَمـا صَلَّيـتَ عَلـى إبْراهـيمَ وَعَلـى آلِ إبْراهـيم، إِنَّكَ حَمـيدٌ مَجـيد اللّهُـمَّ بارِكْ عَلـى مُحمَّـد، وَعَلـى آلِ مُحمَّـد، كَمـا بارِكْتَ عَلـى إبْراهـيمَ وَعَلـى آلِ إبْراهيم، إِنَّكَ حَمـيدٌ مَجـيد
दरूद शरीफ हिंदी में –
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिवं व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललैता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
Buri Nazar Se Bachne Ki Dua Aur Tarika – आखरी अल्फ़ाज़
इन सभी 5 अमलो को सुबह शाम पढ़े अल्लाह आपकी हर तरह की नज़र (Buri Nazar) से शिफा आता फरमाएंगे | आप पहले से भी और बेहतर और तंदरुस्त हो जायेंगे इंशाल्लाह |
याद रहे के बुरी नज़र का अमल सिर्फ अल्लाह की मर्ज़ी पर होता है | वही सबका मालिक और खालिक है | अगर आप ईमान और तवक्कुल के साथ अल्लाह की हिफाज़त में रहेंगे तो बुरी नज़र से बचने की ताक़त मिलती है | इसी तरह ज़ेहनी और जिस्मानी तहफ़्फ़ुज़ और शरीयत के हुकुम को मानते हुए अपने अमल को बेहतर बनने की कोशिस करें |
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Buri Nazar Se Bachne Ki Dua Aur Tarika – Video
FAQs – Buri Nazar Se Bachne Ki Dua Aur Tarika
सवाल 1. नजर लग जाए तो कौन सी दुआ पढ़ना चाहिए?
जवाब – अगर किसी शख्स को नज़र लग जाती है तो सबसे पहले वो अल्लाह से पन्हा मांगे और ये दुआ पढ़े –
“अ-ऊज़ू बिकलिमा तिल्लाहित ताम्मति मिनकुल्लि शैतानिन व हाममतिन व मिनकुल्लि ऐनिन लाममतिन“
यह दुआ आपको बुरी नज़र से बचाएगी और हमारे इस लेख में हमने नज़र उतारने का पूरा इस्लामिक तरीका बताया है उसी जरूर करे |
सवाल 2. किसी की नजर लगी हो तो क्या करना चाहिए?
जवाब – किसी की लगी हो तो अल्लाह से तोबा और पन्हा मांगे और नज़र उतारने के अमल करे |
अमल इस तरह है:
1. सूरह फातिहा
2. तीन कुल सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फ़लाक़ और सूरह अन-नास
3. आयतुल कुर्सी
४. सूरह बकारा की आखरी दो आयत
5. दुरुद शरीफ
ये सभी दुआ हमने लेख में दे रखी है आप हिंदी, अरबी में पढ़ सकते है
सवाल 3. बुरी नज़र से कैसे बचे इस्लामिक तरीका?
जवाब – Buri Nazar Se Bachne Ka Islamic Tarika – बुरी नज़र से बचने के लिए इस्लाम में क़ुरान में हर बीमारी और नज़र का इस्लाज है क़ुरान की सूरह और आयतों में बहुत ताक़त है हर जिस्मानी और रूहानी बिमारियों से लड़ने की | हमने लेख में बुरी नज़र का अमल बताया है उसी पढ़ कर अपने ऊपर दम करे |
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